Dashrath Mahal


दशरथ महल, आयोध्या में एक प्रसिद्ध स्थान है जो हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण है। यहाँ पर स्थित महल भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर नामित है। इस महल का निर्माण महाभारत काल में हुआ था और यह एक अत्यधिक आकर्षक और प्राचीन स्थल है। यहाँ पर भगवान राम और उनके तीन भाईयों लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न का बचपन व्यतीत हुआ था। महल में देवी कौशल्या, कैकेयी, कैकेयी की माता समेत अन्य कई महिलाएं रहती थीं। दशरथ महल के पास विशाल सब्जी मंडी होती है और यहाँ पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं जो भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को देखने के इच्छुक होते हैं।

श्री राम जन्मभूमि अयोध्या का नाम सुनते ही मन में प्रभु राम की छवि सामने आ जाती है। अयोध्या नगरी के कण-कण में श्री राम बसे हुए हैं। अयोध्या वासियों का मानना है कि वो आज भी उनके साथ मौजूद हैं। इस पावन शहर के रोम-रोम में श्रीराम के बचपन की स्मृतियां समाहित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार बचपन में प्रभु श्री राम ने अपने भाइयों संग बहुत सी बाल लीलाएं की थी। जिनका जिक्र हमारे शास्त्रों में भी किया गया है। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं उस जगह के बारे में जहां बचपन में राजा दशरथ के लाड़ले अपने भ्राता संग अपने घरवालों को बाल लीला दिखाते थे और खेलते थे। इतना सब सुनते ही आपके मन में भी ये जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हो गई आखिर कौन सी है वो पावन जगह। तो चलिए जानते हैं

त्रेता युग में जिस जगह भगवान राम अपने भाइयों संग खेला करते थे वो जगह है दशरथ जी का महल। श्री राम के पिता राजा दशरथ जी का महल आज भी अयोध्या में स्थित है। दशरथ महल प्रभु श्री राम की जन्मस्थली से चंद कदम की दूरी पर स्थित है। इस जगह को महल को बड़ा स्थान या बड़ी जगह के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान समय में इस जगह को कोई बार बनवाया। अब ये महल एक मंदिर के रूप में चेंज हो चुका है। इस पवित्र जगह में भगवान राम और माता सीता की मूर्तियां भी स्थापित हैं। देश-विदेश से लोग इस जगह के दर्शन करते आते हैं।

राजा दशरथ में मंदिर में प्रवेश करते ही एक बड़ा सा आंगन है। कहते हैं कि इसी जगह पर श्री राम अपने बाल्यावस्था में अपने भाइयों साथ खेल खेला करते थे। इसके बाद मंदिर में अंदर प्रवेश करने के बाद हनुमान जी की प्रतिमा है। इसके बाद आपको वहां श्री राम जी के दर्शन होंगे। दशरथ जी का ये महल बहुत ही प्राचीन कलाकृतियों से सुशोभित भी है। इस मंदिर में आपको श्री राम जी के पिता दशरथ की तस्वीर के साथ मां कौशल्या की गोद में बैठे श्री राम के दर्शन होंगे। 

इस मंदिर की सुंदरता का ब्यान शायद की शब्दों में किया जा सके। इस मंदिर को उसी जगह बनाया है जहां पर राजा दशरथ का असली निवास स्थान हुआ करता था। श्री राम, लखन और माता सीता की भी मूर्तियां इस मंदिर में देखने को मिलती हैं। इस मंदिर के प्रवेश द्वार इतना सुन्दर है कि कोई देखे तो बस देखा ही रह जाए। दिवाली और राम नवमी पर अवसर पर यहां बहुत बड़ा मेले का आयोजन होता है। 


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