Tulsi Udhayan


 

तुलसी उद्यान, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर अयोध्या में स्थित एक प्रमुख बाग़ है। यह बाग़ हिंदू धर्म के महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर नामकरण किया गया है। यह बाग़ अयोध्या के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा श्रीराम मंदिर के निकट विकसित किया गया है। तुलसी उद्यान में अनेक तुलसी पौधे लगाए गए हैं, जो कि हिंदू संस्कृति और धार्मिक महत्व के प्रतीक हैं। इस उद्यान में विभिन्न शिविर, साधु-संतों के आश्रम, एवं ध्यान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देते हैं। यहाँ पर स्थापित स्मृति भूमि और तुलसी प्रतिमा भी दर्शायी जाती है, जो भक्तों को धार्मिक और आध्यात्मिक संज्ञान की ओर प्रेरित करती हैं। तुलसी उद्यान अयोध्या धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है, जो आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयामों को संरक्षित रखता है।

रामनगरी अयोध्या में स्थित तुलसी उद्यान इन दिनों पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र बना है. यहां रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा स्थापित है. रामायण काल से यह हमारी आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता का पवित्र स्थान रहा है. लेकिन क्या आपको पता है कि अभी जिसे आप तुलसी उद्यान के नाम से जानते हैं वो कभी विक्टोरिया पार्क हुआ करता था. अंग्रेजों के जमानें में इसे  विक्टोरिया पार्क के नाम से जाना जाता. तो चलिए बताते हैं कि आखिर क्या है इसकी पूरी कहानी?

मुगलों के बाद देश पर राज करने वाली ब्रिटिश सरकार के कई अफसर ऐसे थे, जो हमारी धार्मिक स्वतंत्रा को कुचल देना चाहते थे. ब्रिटिश शासकों ने जब भारत पर कब्जा जमाया तो अयोध्या के मठ-मंदिरों पर भी कई तरह के अत्याचार किए. संत-महात्मा मंदिर ना जा सकें, जाने में कठिनाई हो, इसके लिए अंग्रेजी हुकूमत ने अयोध्या की धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक लगाने के लिए महारानी विक्टोरिया की प्रतिमा को स्थापित किया था. लेकिन देश को आजादी के साथ ही राम नगरी अयोध्या को भी धार्मिक बंदी से आजादी मिली.

समाज सेवी महिला ने नाम दिया तुलसी उद्यान
तिवारी मंदिर के पीठाधीश्वर गिरीश पति त्रिपाठी बताते हैं कि अयोध्या की एक समाजसेवी महिला ने भगवान की प्रेरणा से रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की मूर्ति स्थापित करवाया. 28 दिसंबर 1963 में अयोध्या की समाजसेवी रीना शर्मा द्वारा नया घाट क्षेत्र स्थित विक्टोरिया पार्क के स्थान पर तुलसीदास की प्रतिमा को स्थापित कराते हुए पार्क को तुलसी उद्यान का नाम दिया था. उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल विश्वनाथ दास ने इस प्रतिमा का अनावरण किया था. यह कार्य रामनगरी अयोध्या को नई दिशा देने वाला बना.

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