Ram Janmabhoomi

 


हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। ६ दिसम्बर सन् १९९२ को यह विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया।

राम जन्मभूमि विवाद भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण घटना रहा है जो दो धर्मग्रंथों, रामायण और कुरान, के आधार पर उत्पन्न हुआ। इस विवाद का केंद्रित बिंदु अयोध्या के राम जन्मस्थल के आसपास स्थित बाबरी मस्जिद (जिसे 1992 में तोड़ दिया गया) के स्थान पर अवस्थित मंदिर होने के लिए था। इस विवाद ने भारतीय समाज को बांधने और विभाजित करने की क्षमता दिखाई, और इसने राजनीतिक, सामाजिक, और धार्मिक समुदायों के बीच भारी विवाद उत्पन्न किया। अंततः, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, राम जन्मभूमि के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण हुआ।

राम जन्मभूमि मंदिर, भारत में एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर में स्थित है। यहाँ पर हिंदू धर्म के आदि देवता भगवान राम की जन्मस्थल है। इस स्थान पर एक प्राचीन मंदिर था जिसे मुगल शासक बाबर ने तोड़ दिया था और वहाँ पर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था।

1992 में बाबरी मस्जिद की तोड़फोड़ के बाद इस स्थान पर हिंदू समुदाय की मांग पर रामलला की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद समुदाय ने इस स्थान पर एक नया मंदिर निर्माण करने का आंदोलन शुरू किया।

2020 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में फैसला दिया और इस स्थान पर हिंदू समुदाय के लिए एक नया मंदिर बनाने के आदेश दिए। इसके बाद से ही राम मंदिर के निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है।

जनवरी 2024 तक मंदिर का प्रथम तल, गर्भगृह सहित, तैयार हो गया है। श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12:29 बजे, 90 मिनट के शुभ मुहूर्त में संपन्न हुई। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि थे। 15 जनवरी (मकर संक्रांति) से ही विभिन्न कार्यक्रम आरंभ हो चुके थे। प्राण-प्रतिष्ठा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। 22 जनवरी को कई राज्यों में स्कूलों में अवकाश रहा। नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे 22 जनवरी को अपने घरों में दीये जलाएं। इस कार्यक्रम में मोदी के साथ-साथ सिनेमा जगत के कई प्रसिद्ध कलाकार और 6000 VVIP शामिल हुए।


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